Tuesday, July 10, 2018

धारा 377: सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने कहा- समलैंगिकता का मसला सिर्फ यौन संबंधों के प्रति झुकाव का

समलैंगिकता मामले में मंगलवार से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। आईपीसी की धारा 377 में दो समलैंगिक वयस्कों के बीच सहमति से शारीरिक संबंधों को अपराध माना गया है और सजा का प्रावधान है। दायर याचिकाओं में इसे चुनौती दी गई है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता मामले में सुनवाई टालने के केंद्र सरकार के अनुरोध को सोमवार को ठुकरा दिया। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने कहा, इसे स्थगित नहीं किया जाएगा। जब एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता केंद्र सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे हैं तो वे इस अहम मामले को टालना क्यों चाहते हैं।

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via Dainik Bhaskar

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