
हाईकोर्ट ने प्रदेश में पोक्सो कोर्ट की कमी के मामले में गुरुवार को मुख्य सचिव डीबी गुप्ता और अन्य अफसरों से कहा कि जरूरत 153 कोर्ट खोलने की है, लेकिन वे 11-12 कोर्ट खोलने की बात कर रहे हैं, जबकि 50 मुकदमों पर एक कोर्ट होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इन केसों में निर्णय के लिए समय तय किया है। ऐसे में हाईकोर्ट इस मामले में गंभीर है और केवल एक कमरा बना देना ही कोर्ट नहीं है। पर्याप्त कोर्ट खुलें यह सीआरपीसी की भी भावना है, लिहाजा राज्य सरकार दो सप्ताह में इस संबंध में निर्णय करे। न्यायाधीश एमएन भंडारी तथा डीसी सोमानी की खंडपीठ ने यह निर्देश हर जिले में बच्चों के खिलाफ होने वाले लैंगिक अपराधों की सुनवाई के लिए अलग से पोक्सो कोर्ट नहीं होने को चुनौती देने वाली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की जनहित याचिका पर दिया। अदालती आदेश के पालन में सीएस डीबी गुप्ता, एसीएस फाइनेंस मुकेश शर्मा, पीएस लॉ महावीर शर्मा व एसीएस सामाजिक न्याय व अधिकारिता पेश हुए।
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