नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका के कोर्ट में चल रहे पूर्व क्रिकेटर गौतम बोधी से सम्बंधित भ्रष्टाचार मामले में दो भारतीय नागरिक मनेश जैन और इमरान मुस्कान शिमजी का नाम सामने आया है। इस मामले में भारतीय नागरिकों का नाम आना सब को चौकाने वाला है। बोधी को कोर्ट से जमानत मिली थी जिसका विरोध राज्य ने नहीं किया। लेकिन अभियोजक विलेम वैन ज़िल नेगौतम बोधी के लिए कुछ शर्त निर्धारित की हैं और उनका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया गया है।
दक्षिण अफ्रीका के घरेलु क्रिकेट में करते थे फिक्सिंग
कोर्ट ने गौतम बोधी को किसी भी अन्य खिलाड़ी से संपर्क करने से भी मन किया है। जनवरी 2016 में बोधी को क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) ने भ्रष्टाचार के मामले में 20 साल के लिए निलंबित किया था। बोधी ने भारतीय सट्टेबाजों का संपर्क दक्षिण अफ्रीका में रैम स्लैम खेलने वाले घरेलु खिलाड़ियों से कराया था। जैन और शिमजी ने बोधी से संपर्क कर उसे अवैध सट्टेबाजी के इस रैकेट से मिलाया। अगस्त 2015 में बोधी ने भारत का दौरा किया यानी दक्षिण अफ्रीका में सीजन शुरू होने से एक महीने पहले उन्होंने जैन, शिमजी और सिंडिकेट के सदस्यों से मुलाक़ात की। उन्हें बताया के स्पॉट फिक्सिंग में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को प्रति मैच 6 लाख से 7 लाख रूपए (44000 – 52000 USD) के बीच कमाई की जा सकती है। उन्हें लक्जरी घड़ियों का भी वादा किया गया था। गौतम बोधी को प्रति मैच 1.5 लाख रूपए देने की बात कही थी।
खुद भर्ती किए खिलाड़ी
जब वह भारत से लौटे तो उन्होंने इस काम के लिए खिलाड़ियों को भर्ती करना शुरू कर लिया था। खुद बोधी ने साल 2014/15 में लायंस के लिए अपना अंतिम फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेला था और अभी भी लायंस ड्रेसिंग रूम में मौजूद रहते थे। यह बाद में पता चला के स्पॉट फिक्सिंग घोटाले में फंसे छह खिलाड़ियों में से पांच इसी टीम के हैं। वहीं एक आरोपी टाइटन्स के लिये लंबे समय से खेल रहा था।.
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