
नई दिल्ली । भारत के पहले पेशेवर मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने मंगलवार को इतिहास रचने वाली हिमा दास की तारीफ करते हुए कहा कि असम की इस धाविका को आर्थिक मदद मिलनी चाहिए ताकि वह अपने करियर को आगे बढ़ा सकें। हिमा ने पिछले सप्ताह टाम्पेरे में आयोजित आईएएएफ वर्ल्ड अंडर-20 चैम्पियनशिप में महिलाओं की 400 मीटर स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था। हिमा ने 51.46 सेकेंड का समय निकालते हुए जीत हासिल की थी।
मोदी भी हो गए भावुक
एथेलिक्स में पहली बार वर्ल्ड लेवल पर भारत को गोल्ड मेडल दिलाने वाली एथलीट हिमा दास की उपलब्धि बहुत बड़ी है । हिमा इस अचीवमेंट और जीतने के बाद राष्ट्रगान के साथ भारतीय तिरंगे को लहराते देख कर रो पड़ी थी । उनके तिरंगे को लेकर ऐसे जुनून को देख कर पीएम मोदी तक भावुक हो गए हैं ।हिमा के पिता असम में नौगांव जिले के ढिंग गांव के रहने वाले हैं। वह गांव में चावल की खेती करते हैं। हिमा अपने पांच भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं। हिमा अपने शुरुआती करियर में फुटबाल खिलाड़ी बनना चाहती थीं।लेकिन हिमा ने 51.46 सेकेंड का समय निकालते हुए जीत हासिल की थी।
आर्थिक मदद की मांग
विजेंदर ने यहां न्यूटाउन स्कूल में सवंदादाताओं से कहा, "उन्होंने शानदार काम किया है। वह बेहतरीन खिलाड़ी हैं।"ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतने वाले विजेंदर ने कहा, "लोग बाग सिर्फ उन्हें बधाई दे रहे हैं, लेकिन ऐसे भी लोग होने चाहिए जो उन्हें आर्थिक मदद दें। वह एक गरीब परिवार से आती हैं और उन्हें आर्थिक मदद की जरूरत होगी।"
ली से होना था मुकाबला
विजेंदर को अपने अगले पेशेवर मुकाबले में ब्रिटेन के ली मार्खाम से 13 जुलाई को भिड़ना था। दोनों के बीच कॉमनवेल्थ सुपर मिडिलवेट खिताब के लिए भिड़ंत होनी थी, लेकिन ली के चोटिल होने जाने के कारण यह मुकाबला स्थागित करना पड़ा। इसलिए अब नई तारीख और नए प्रतिद्वंदी की तलाश है।विजेंदर ने बताया, "हमारी कोशिश सितंबर में मुकाबला कराने की थी, लेकिन अभी तक तारीख तय नहीं हुई है।"उन्होंने कहा, "मुकाबला ली से होना था लेकिन वो चोटिल हो गए और मैच स्थागित करना पड़ा। अब कॉमनवेल्थ समिति तय करेगी की विपक्षी खिलाड़ी कौन होगा।"
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