Monday, October 1, 2018

गोलगप्पा बेच क्रिकेटर बने यशस्वी जायसवाल ने जमाया शतक, भारत को दिलाई विराट जीत

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के युवा क्रिकेटर यशस्वी जायसवाल ने भारत की अंडर 19 टीम की ओर से बेहतरीन शतक लगाया है। जायसवाल की इस शतकीय पारी के दम पर भारत ने नेपाल पर विराट जीत हासिल की। यशस्वी ने यह शतकीय पारी एशिया कप अंडर -19 क्रिकेट टूर्नामेंट के पहले मैच में नेपाल के खिलाफ खेला। यशस्वी जयसवाल ने 104 रनों की पारी खेली। इस पारी के दम पर एशिया कप अंडर-१९ टूर्नामेंट के पहले मैच में भारत ने नेपाल को 171 रनों के अंतर से हराया। यशस्वी को उनकी शतकीय पारी के लिए मैच ऑफ द मैच का अवार्ड दिया गया।

भारतीय टीम का विजयी आगाज-

मलेशिया में आयोजित अंडर -19 एशिया कप में भारत का पहला मुकाबला नेपाल से था। भारतीय टीम ने इस मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवर में नौ विकेट के नुकसान पर ३०४ रन बनाए। जिसका पीछा करने उतरी नेपाल की टीम 36.5 ओवर में 133 रन बना कर ऑल आउट हो गई। इस जीत के साथ भारतीय टीम ने टू्र्नामेंट में अपना विजयी आगाज किया है।

यशस्वी की शानदार शतकीय पारी-

पहले बल्लेबाजी करती भारतीय टीम को सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल और देवदत्त पल्लीकल ने मजबूत शुरुआत दी। ओपनिंग बल्लेबाजों ने पहले विकेट के लिए ८३ रनों की साझेदारी की। देवदत्त 30 रन पर आउट हुए। लेकिन यशस्वी की बल्लेबाजी जारी रही। यशस्वी ने 113 गेंदों का सामना करते हुए 8 चौकों और पांच छक्कों की मदद से 104 रनों की पारी खेली। यशस्वी के अलावा विकेटकीपर प्रभासिमर सिंह ने भी 84 रनों की दमदार पारी खेली। इन पारियों के दम पर भारत 50 ओवर में नौ विकेट पर 304 रन का मजबूत स्कोर खड़ा किया।

133 रन बना सकी नेपाली टीम-

305 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी नेपाल की टीम 36.4 ओवर में 133 रन पर आउट होकर मैच हार गई। नेपाल के लिए कप्तान आशिफ शेख ने सबसे ज्यादा 25 रन बनाए। भारत के लिए सिद्धार्थ देसाई और हर्ष त्यागी ने तीन-तीन विकेट चटकाए।बताते चले कि एशिया कप अंडर -१९ क्रिकेट टू्र्नामेंट में भारत ग्रुप ए में है। इस ग्रुप में भारत के साथ-साथ नेपाल, अफगानिस्तान और यूएई की टीम है। आज भारतीय टीम का मुकाबला यूएई से हो रहा है।

बचपन बीता है संर्घष में -

आज भले ही यशस्वी को भारतीय क्रिकेट टीम का भविष्य बताया जा रहा हो, लेकिन इस मुकाम तक आने में यशस्वी ने काफी संर्घष किया है। यशस्वी बचपन से ही क्रिकेट के दीवाने रहे हैं। लेकिन कमजोर आर्थिक हैसियत होने के कारण उन्हें पर्याप्त संसाधन नहीं मिल रहा था। इसके बाद यशस्वी मुंबई चले आए। जहां उन्होंने टेंट में रातें गुजारी, पैसे के लिए गोलगप्पे तक बेचे।



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