Tuesday, October 9, 2018

Vijay Hazare Trophy: बिना कोई मुकाबला गंवाए सबसे पहले क्वार्टर फाइनल में पहुंचा बिहार, रचा बड़ा इतिहास

नई दिल्ली। विजय हजारे ट्रॉफी में बिहार क्रिकेट टीम का शानदार सफर जारी है। सोमवार को बिहार ने मिजोरम को एकतरफा अंदाज में 9 विकेट के अंतर से करारी शिकस्त दी। इस जीत के साथ ही बिहार ने 37 टीमों के बीच सबसे पहले क्वार्टर फाइनल का टिकट हासिल कर लिया है। बिहार को मिली ये कामयाबी काफी खास है। क्योंकि 17 साल बाद भारतीय घरेलू क्रिकेट में वापसी कर रही बिहार की टीम से ऐसे प्रदर्शन की उम्मीद बहुत कम लोगों को थी। मोतीबाग स्टेडियम वड़ोदरा में सोमवार को मिजोरम और बिहार के बीच खेले गए मुकाबले में बिहार के गेंदबाजों के सामने मिजोरम की बल्लेबाजी बुरी तरीके लड़खड़ा गई। मिजोरम की पूरी टीम 27.2 ओवर में 83 रन बना कर ऑल आउट हो गई। 84 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी बिहार की टीम ने सलामी बल्लेबाज विकास रंजन के अर्धशतक के दम पर मात्र् 15.4 ओवर में एक विकेट खोकर जीत हासिल कर ली।

प्वाइंट टेबल में नंबर वन पर बिहार-
विजय हजारे ट्रॉफी के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने इस साल 9 नए राज्यों अनुमति दी थी। इन राज्यों को प्लेट ग्रुप में रखा गया था। इस ग्रुप में बिहार की टीम ने आठ मुकाबले खेलते हुए सर्वाधिक अंक हासिल किए। बिहार ने 8 मुकाबलों में से सात में जीत हासिल की। जबकि एक मुकाबला बारिश के कारण रद्द हो गया था। बताते चले कि एक जीत पर टीम को चार अंक दिया जाता है साथ ही किसी कारण से मैच रद्द हो जाने पर दोनों टीमों के खाते में दो-दो अंक जोड़े जाते है। इस समीकरण के साथ बिहार की टीम 30 अंक हासिल करते हुए क्वार्टर फाइनल के लिए सबसे पहले प्रवेश कर चुकी है।

सभी टीमों के बीच सिरमौर बना बिहार-
विजय हजारे ट्रॉफी खेल रही कुल 37 टीमों के बीच से बिहार की टीम इस समय सबसे ऊपर है। बिहार की जीत की खास बात यह है कि राष्ट्रीय स्तर पर युवा और अनजान खिलाड़ियों से सजी इस टीम ने लगभग सभी मुकाबलों में एकतरफा जीत हासिल की है। मंबई जैसी घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंटों की सबसे सफल टीम भी अभी क्वार्टर फाइनल में जगह नहीं बना सकी है। लेकिन उससे पहले बिहार ने अपनी सीट पक्की करते हुए बड़ा इतिहास रच दिया है।

टूर्नामेंट में इस खिलाड़ियों का जलवा-
यों तो बिहार ने इस पूरे टूर्नामेंट में काफी बढ़िया प्रदर्शन किया है। लेकिन निजी प्रदर्शन की बात करें तो बिहार की ओर से बाबुल कुमार, विकास रंजन, कप्तान केशव कुमार, रहमत उल्लाह जैसे खिलाड़ियों ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। इनकी प्रतिभा को देखते हुए यह कहा जा रहा है कि बिहार क्रिकेट टीम का भविष्य उज्ज्वल है। बीते 17 सालों के निलंबन के दौरान बिहार ने कई होनहार क्रिकेटरों को खोया है, इसमें राजीव कुमार, ईशान किशन, अनुकूल राय जैसे कई बड़ें नाम शामिल है। अब भी बिहार के कई होनहार क्रिकेटर झारखंड से खेल रहे है। यदि राजनीति से दूर रखते हुए बिहार क्रिकेट ऐसे ही बढ़ता रहा तो निश्चित तौर पर निकट भविष्य में बिहार से कई अच्छे क्रिकेटर निकलेंगे।



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