
असम के नेशनल सिटीजन रजिस्टर (एनआरसी) के बारे में को-ऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला और रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया एस शैलेष के मीडिया में दिए बयानों पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया। मंगलवार को कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आपका काम त्रुटि रहित एनआरसी तैयार करना है, किसी के लिए बयान देना नहीं। आप कोर्ट के अफसर हैं, जब हमें सूचना नहीं दी गई तो मीडिया में बयान क्यों दिया? यह अदालत की अवमानना है और आपको जेल भेज देना चाहिए।
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