
खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल और नागौर नगर परिषद सभापति कृपाराम सोलंकी की हत्या की सुपारी का मामला महज एसओजी की दो अलग-अलग जांचों तक ही सीमित नहीं था। सुपारी देने के आरोपी बलबीर जाट ने सभापति को वाट्सएप पर धमकी भरा मैसेज भी भेजा था कि दो दिन का इंतजार करूंगा, मुकाबले के लिए तैयार रहना। सभापति ने नागौर कोतवाली थाने में इसे लेकर मामला दर्ज कराया। मगर एसओजी के जांच अधिकारी इंस्पेक्टर राहुल जोशी ने इस घटनाक्रम को अपनी जांच में ही शामिल ही नहीं किया और मामले में एफआर दे दी। सभापति कृपाराम का आरोप है कि जांच अधिकारी न तो मामले की जांच के लिए कभी नागौर आए और न ही परिवादी पक्ष के किसी के बयान लिए। अगर जांच अधिकारी इस मामले को भी अपनी जांच में शामिल करते तो आरोप प्रमाणित करने में आसानी रहती।
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