
अ टलजी ज्यादातर समय विपक्ष में रहे। लंबे वक्त तक विपक्ष में रहने वाले नेता तीखे आलोचक और कटु बोलने वाले हो जाते हैं। अटलजी नकारात्मक सोच से पूरी तरह अलग रहे। उनके सटीक और चुटीले व्यंग्यबाणों पर कोई तिलमिला तो सकता है, लेकिन आहत नहीं होता। सर्वे भवंतु सुखिन: के प्रति गहरे समर्पण और कमजोर तथा उपेक्षितों के प्रति सहानुभूति अटलजी की खूबियां हैं। यही वजह है कि वह सभी के प्रिय हैं।
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