
सुख - दुख का आना और चले जाना सर्दी-गर्मी के आने-जाने के समान है। सहन करना सीखें। गीता में लिखा है- जिसने बुरी इच्छाओं और लालच को छोड़ दिया है, उसे शान्ति मिलती है। कोई भी इच्छाओं से मुक्त नहीं हो सकता। पर इच्छा की गुणवत्ता बदलनी होती है।
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