Sunday, September 30, 2018

टेस्ट टीम में चयन के बाद मयंक अग्रवाल का बयान, चुने जाने की जानकारी घरवालों से मिली

नई दिल्ली। भारत और वेस्टइंडीज के बीच होने वाली दो मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने शनिवार को एक बयान जारी कर टीम का ऐलान कर दिया है। घेरलू क्रिकेट में बल्ले से लगातार शानदार प्रदर्शन करने वाले सलामी बल्लेबाज मयंत अग्रवाल को वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्ट मैचों के लिए चुनी गई भारतीय टीम में चुना गया है। मयंक को भारतीय टीम में शामिल होने की खबर अपने घरवालों से मिली।

घरवालों ने फ़ोन पर दी जानकारी -
27 साल के कर्नाटक के इस बल्लेबाज ने बताया, "मेरे घरवालों ने फोन पर मुझे इस बात की जानकारी दी। मैं काफी खुश हुआ। मेरे घर वाले भी काफी खुश थे।" अपने चयन पर मयंक का कहना है कि वह इससे काफी खुश हैं और अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगे। मयंक इस समय वडोदरा में हैं जहां वह भारतीय बोर्ड एकादश के साथ वेस्टइंडीज के खिलाफ दो दिवसीय मैच खेल रहे हैं। मयंक ने इस मैच में पहले दिन 90 रनों की पारी खेली। मयंक ने चयन के बाद कहा, "मैं भारतीय टेस्ट टीम में नाम आने से काफी खुश और उत्साहित महसूस कर रहा हूं। यह बेहद सुखद अहसास है। मेरी कोशिश मौका मिलने पर अच्छा प्रदर्शन करने की होगी।"

घरेलु सीजन में जमकर बोला था बल्ला -
मयंक ने पिछले सीजन ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी, सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में अपने बल्ले का जमकर जौहर दिखाया था। साथ ही उन्होंने इंडिया-ए के लिए भी बीते एक साल में कई अच्छी पारियां खेलीं हैं। इसी वजह से वह चयनकर्ताओं की नजरों में बने हुए थे, लेकिन टीम में जगह बनाने से चूक रहे थे। मयंक से जब पूछा गया कि क्या इतने दिनों तक नजरअंदाज किए जाने से वह हताश थे तो उन्होंने कहा कि उनका काम अच्छा प्रदर्शन करना है और यही उनके हाथ में है न कि चयन। बकौल मयंक, "एक खिलाड़ी के तौर पर आपके हाथ में आपका प्रदर्शन होता है आप उसी को नियंत्रित कर सकते हो और मेरा ध्यान अपने प्रदर्शन पर ही होता है बाकी चीजें मेरे हाथ में नहीं हैं तो मैं उन पर ध्यान नहीं देना चाहता।" उन्होंने कहा, "इस सीजन की शुरुआत भी मैंने इस सोच के साथ की थी कि पिछले सीजन में मैंने जो अच्छा प्रदर्शन किया उसे जारी रख सकूं। मेरा उन चीजों पर ध्यान था जो मुझे परिणाम दे रही थीं।"

रणजी में ठोके थे 1000 से ज्यादा रन
मयंक रणजी ट्रॉफी 2017-18 में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे थे। उन्होंने आठ मैचों की 13 पारियों में 105.45 की औसत से 1160 रन बनाए थे जिसमें पांच शतक और दो अर्धशतक भी शामिल हैं। इन पांच शतकों में महाराष्ट्र के खिलाफ लगाया गया तिहरा शतक भी शामिल है। मयंक ने इसी प्रदर्शन के कारण अपनी टीम को सेमीफाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी। विजय हजारे ट्रॉफी 2017-18 में भी मयंक सर्वोच्च स्कोर रहे थे। उन्होंने आठ मैचों में 90.73 की औसत से 723 रन बनाए थे जिसमें तीन शतक और पांच अर्धशतक शामिल हैं।



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