
खाने-पीने में मिलावट रोकना तो जनहित हो सकता है, लेकिन मिलावट करने वालों के केस जनहित में बताकर वापस लेना गले नहीं उतरता। लेकिन सरकार ने खाने-पीने के सामान में मिलावट करने के 105 केस विड्रॉ करने का निर्णय लिया है। केंद्रीय कानून के तहत दर्ज इन प्रकरणों में राज्य सरकार ने केंद्र से अनुमति ले ली है। अब कोर्ट से विड्रॉ किए जाने की कार्रवाई के लिए संबंधित 25 जिलों के कलेक्टर-एसपी व अभियोजन अधिकारियों को पत्र भेजे जा चुके हैं। गृह विभाग ने इसके पीछे कारण भी अजीबो-गरीब बताया है। विभाग का कहना है कि न्यायालय में विचाराधीन इन 105 प्रकरणों को जनहित में वापस लेने पर सहमति दी गई है। खास बात यह है कि इन मामलों को स्वास्थ्य तथा खाद्य विभाग ने पकड़ा था, अब उन्होंने ही इन्हें वापस लेने की सिफारिश की है। ये मामले वर्ष 2000 से अब तक के हैं।
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