नई दिल्ली। हमेशा से विवादों में घिरा रहा दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) हाल में हुए नए चुनावों के बाद भी विवादों से अछूता नहीं रह सका। डीडीसीए के नवनियुक्त निदेशक (क्रिकेट) संजय भारद्वाज ने डीडीसीए के नवनियुक्त अध्यक्ष रजत शर्मा पर मनमानी एवं लोढ़ा समिति की सिफारिशों को न मानने के आरोप लगाए।
हितों के टकराव के आरोप लगाए हैं
संजय ने रजत शर्मा द्वारा गठित की गई क्रिकेट समिति में शामिल लोगों पर हितों के टकराव के आरोप लगाए हैं, जो लोढ़ा समिति के सिफारिशों का उल्लंघन है। इस समिति में पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग, आकाश चोपड़ा, राहुल सांघवी और गौतम गंभीर के नाम शामिल हैं। उन्होंने ने साथ ही डीडीसीए की सीनियर एंव जूनियर चयन समिति में शामिल लोगों पर भी हितों के टकराव के आरोप लगाए। उन्होंने कहा, "रजत शर्मा डीडीसीए में अपनी मनमानी के फैसले ले रहे हैं। उन्होंने बिना किसी से पूछे क्रिकेट समिति का गठन किया और उसमें उन लोगों को शामिल किया, जो हितों के टकराव में शामिल हैं। रजत ने सीनियर एवं जूनियर चयन समिति में भी ऐसे ही लागों को शामिल किया है, जो हितों के टकराव के अंतर्गत आते हैं।"
After a long time, good , clean work is happening in DDCA and some vested interests are not able to digest pic.twitter.com/MwGCBJ7Dao
— Virender Sehwag (@virendersehwag) August 11, 2018
वीरेंद्र सहवाग और आकाश चोपड़ा पर भी उठाए सवाल
संजय के मुताबिक, लोढ़ा समिति के सिफारिशों के अंतर्गत कोई भी ऐसा खिलाड़ी बोर्ड में शामिल नहीं हो सकता, जिसके प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से संन्यास को कम से कम पांच साल न हुए हो और इस दायरे में वीरेंद्र सहवाग एवं आकाश चोपड़ा नहीं आते हैं। सहवाग ने 20 अक्टूबर 2015 को क्रिकेट से संन्यास लिया था तो वहीं आकाश ने 5 फरवरी 2015 को क्रिकेट को अलविदा कहा था। इन दोनों के अलावा राहुल सांघवी भी तीन बार की इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) विजेता मुंबई इंडियंस के साथ जुड़े हुए हैं, वहीं गंभीर अभी तक प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में सक्रिय हैं। लोढ़ा समिति की सिफारिशों के मुताबिक एक पद पर बैठा व्यक्ति दूसरा पदक ग्रहण करने के लिए उपयुक्त नहीं है। संजय ने इन सभी पर हितों के टकराव का अरोप लगाया है।
संजय ने रजत पर उनकी शिकायत न सुनने के भी आरोप लगाए
संजय ने इस बाबत डीडीसीए के लोकपाल को भी पत्र लिखा है लेकिन काफी दिनों तक जवाब न मिलने के कारण वह हताश हैं। संजय ने कहा, "मैंने लोकपाल को भी पत्र लिखा लेकिन बहुत दिनों तक उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। मुझे लगा कि नौ अगस्त 2018 को सर्वोच्च न्यायालय में बीसीसीआई संविधान से संबंधित सुनवाई के बाद वह जवाब देंगे लेकिन अभी तक उन्हें ठोस कदम उठाए जाने का इंतजार है।" संजय ने रजत पर उनकी शिकायत न सुनने के भी आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, "रजत इस मामले पर मुझसे बात नहीं करते और बात को टालते रहते हैं। मेरे और उनके बीच में अभी तक जो भी संवाद हुआ है वो ई-मेल के माध्यम से ही हुआ है। वह मुझसे मिलते भी नहीं हैं।"
सीनियर चयन समिति के गठन को भी कठघरे में खड़ा किया
संजय ने जूनियर और सीनियर चयन समिति के गठन को भी कठघरे में खड़ा किया है। सीनियर चयन समिति में पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज अमित भंडारी (चेयरमैन), रजत भाटिया, सुखविंदर सिंह के नाम शामिल हैं। संजय के मुताबिक, अमित और सुखविंदर क्रिकेट अकादमी में कोच हैं जबकि रजत अभी तक घरेलू क्रिकेट में सक्रिय हैं। जूनियर चयन समिति में दो महीने पहले अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले परविंदर अवाना, सिद्धार्थ साहिब सिंह और सहवाग के रिश्तेदार मयंक तेहलान शामिल हैं। संजय ने कहा है कि उनका मकसद डीडीसीए को साफ सुथरा बनाना है और अगर उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे सुलझा दिए जाते हैं, तो उन्हें बेहद खुशी होगी। खुद रजत शर्मा ने भी चुनावों से पहले कई बार मीडिया के सामने ऐसी ही बातें कही थीं।
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