
नई दिल्ली। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज एलिस्टर कुक ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है, वह भारत के खिलाफ ओवल मैदान पर होने वाले आखिरी व पांचवें टेस्ट के बाद क्रिकेट को अलविदा कहेंगे। इस मैच के बाद कुक क्रिकेट को अलविदा तो कह देंगे लेकिन क्रिकेट से जुडी एक बात उन्हें ज़िन्दगी भर परेशान करेगी और इस बात का उन्हें हमेशा अफसोस रहेगा। वो बात है टीम के दिग्गज पूर्व बल्लेबाज केविन पीटरसन को टीम से बाहर करना।
पीटरसन को टीम से निकालना का रहेगा अफ़सोस
जी हां! अपने आखिरी टेस्ट मैच से पहले एलिस्टर कुक ने मीडिया से बात करते हुए ये बात कही। कुक ने कहा " जिस तरह से केविन पीटरसन को टीम से बाहर किया गया वैसे नहीं होना चाहिए था उसे दूसरे तरीके से भी निपटाया जा सकता था।" बता दें साल 2014 में केविन पीटरसन को इंग्लैंड की टीम से बोर्ड से हुई अनबन के बाद बाहर किया गया था। दरअसल कुक और तत्कालीन टीम सिलेक्टर एंड्रयू स्ट्रॉस दोनों ने मिल कर पीटरसन को बाहर का रास्ता दिखाया था। इस बात का जिक्र पीटरसन ने ट्वीट कर सोशल मीडिया पर भी किया था। कुक ने अपने इस फैसले को साहसिक फैसला भी बताया। कुक ने कहा " उनके जैसे बड़े खिलाड़ी को टीम से बाहर निकालने के लिए वाकई बहुत हिम्मत की जरूरत थी। ये एक साहसिक फैसला था। "

ऐसा करने वाले इंग्लैंड के इकलौते बल्लेबाज
इतना ही नहीं कुक ने अपने करियर के सबसे दुखत क्षण का भी जिक्र किया। कुक ने बताया के साल 2014 में उनकी कप्तानी में लॉर्ड्स में भारत के हाथों टेस्ट में मिली 95 रन की हार सबसे दुखद थी। बता दें कुक इंग्लैंड के इकलौते बल्लेबाज हैं जिन्होंने क्रिकेट के किसी भी फॉर्मेट में 10000 से ज्यादा रन ठोके हैं। कुक ने अब तक 160 टेस्ट मैचों में 44.89 के औसत से 12254 रन बनाये हैं। जिसमें 5 दोहरे शतक, 32 शतक और 56 अर्धशतक शामिल हैं। टेस्ट में कुक का सर्वोच्च स्कोर 294 रन है।
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