
ड्राइविंग लाइसेंस आने वाले दिनों में उन्हीं लोगों का बनेगा, जिन्होंने वाहन चलाने में दक्षता हासिल कर रखी है। इनकी ड्राइविंग ट्रायल ऑटोमेटिक कंप्यूटराइज्ड ट्रैक पर होगी। ट्रैक की सड़क और ट्रायल कॉम्प्लेक्स बनकर तैयार हो चुके हैं। डिजिटल कम्प्यूटराइज्ड नेटवर्क लग चुका है। संभवत 15 सितंबर से पहले इनॉग्रेशन हो जाएगा। ट्रैक शुरू होने से ट्रायल कंप्यूटर लेगा। फेल –पास भी कंप्यूटर के जरिए ही घोषित होगा। अधिकारियों का हस्तक्षेप नहीं रहेगा।
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