नई दिल्ली। पैरा एशियाई खेल 2018 का आयोजन 6 अक्टूबर से 13 अक्टूबर के बीच इंडोनेशिया के जकार्ता में होना है। तीसरे पैरा एशियाई खेलों में भारत के 187 प्रतिभागी भाग लेते नजर आएंगे। इन खेलों का आयोजन दिव्यांग खिलाड़ियों के बीच प्रतिस्पर्धा के लिए किया जाता है। इस पैरा एशियाई खेल में 41 देशों के प्रतिभागी भाग लेंगे। भारतीय टीम 13 खेलों में अपना भाग्य आजमाएगी। भारत के लिए एक बार फिर पदक की दावेदारी की अगुवाई दीपा मलिक, देवेंद्र झाझरिया, मरियप्पन थंगावेलु और वरुण भट्टी करेंगे।
इन 13 खेलों में भाग लेगा भारत-
भारतीय दल 13 खेलों में भाग लेता नजर आएगा। यह 13 खेल हैं- तीरंदाजी, बैडमिंटन, एथलेटिक्स, चेस, साइकिलिंग, फेंसिंग, जूडो, पॉवरलिफ्टिंग, स्विमिंग, शूटिंग, टेबल टेनिस, टेनपिन बोलिंग और बोसिया।
राजस्थान के लाल से होगी स्वर्ण की उम्मीद-
पैरालंपिक भालाफेंक एथलीट देवेंद्र झाझरिया पैरालंपिक में 2 स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। वह राजस्थान के चूरू जिले से आते हैं। 2004 पैरालंपिक एथेंस में उन्होंने पहला स्वर्ण पदक जीता था । इसके बाद उन्होंने रियो डी जनेरियो, 2016 पैरालंपिक खेल में अपने पहले रिकॉर्ड को बेहतर बनाते हुए, एक ही आयोजन में दूसरा स्वर्ण पदक जीता। 8 साल की उम्र में पेड़ पर चढ़े देवेंद्र ने बिजली का तार छू दिया था जिसके बाद डॉक्टरों ने उनके बाएं हाथ को हटा दिया था। द्रोणाचार्य अवार्ड जीत चुके कोच आर. डी. सिंह उनके कोच हैं। देवेंद्र अपने कोच को सफलता का पूरा श्रेय देते हैं।
भारत का पिछले एशियाई पैरा खेल का प्रदर्शन-
2014 इंचियोन में हुए एशियाई पैरा गेम्स में भारत का प्रदर्शन शानदार रहा था और उसने 33 पदकों के साथ 15वां स्थान हासिल किया था। भारत ने 3 स्वर्ण, 14 रजत और 16 कांस्य पदक जीत सका था। भारत के दो स्वर्ण पदक अमित कुमार और शरद कुमार ने एथलेटिक समे जीते थे। तीसरा स्वर्ण पदक बैडमिंटन में पारुल दलसुखबाई परमार ने जीता था। देवेंद्र और दीपा मलिक के नाम रजत पदक रहे थे। भारत ने सर्वाधिक पदक एथलेटिक्स में जीते थे। एथलेटिक्स में 2 स्वर्ण, 9 रजत और 6 कांस्य पदक जीते थे।
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