Wednesday, August 29, 2018

सालभर पहले हुई थी किशोरी की हत्या, उसकी लिखी कविता बनी अहम सबूत; दोषी को मिली उम्रकैद

‘मेरी इच्छा है मैं मर जाऊं, हर बार जब मैं आंखे बंद करती हूं तो अंधकारमय स्वर्ग नजर आता है। मैं यहां रहकर थक चुकी हूं, अपने ही डर से दबी जा रही हूं... हम अपने खिलौनों से खेलते-खेलते खुद खिलौना बन गए हैं। इसलिए लड़के तो लड़के ही रहेंगे और हम महिलाएं कभी कुछ नहीं कहेंगी।’’ कविता की ये लाइनें उस मामले के खुलासे का प्रमुख आधार बनीं, जिसमें 16 अगस्त 2017 को श्रेया शर्मा (17) नाम की लड़की की हत्या कर दी थी। उसका मर्डर स्कूल के ही एक सीनियर लड़के सार्थक कपूर ने किया था। पुलिस ने श्रेया की लिखी यह कविता कोर्ट में उसकी पीड़ा और यातना के रूप में पेश की थी।

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via Dainik Bhaskar

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