नई दिल्ली। एशियन गेम्स 2018 का 13वां दिन भारतीय मुक्केबाजों के लिए कभी खुशी कभी गम वाला रहा। स्टार मुक्केबाज विकास कृष्ण चोटिल होने की वजह से सेमीफाइनल में रिंग में नहीं उतर सके। लिहाजा उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। विकास से करोड़ो भारतीयों को स्वर्ण की उम्मीद थी। लेकिन चोट के कारण वे उन अपेक्षाओं पर खड़े नहीं उतर सके। हालांकि प्रशंसकों की इस निराशा को भारत के एक और मुक्केबाज और भारतीय सेना में नायब सूबेदार के पद पर काम करने वाले अमित पंघल ने कम कर दिया।
3-2 के अंतर से मिली रोमांचक जीत-
भारत के अमित पंघल ने रोमांचक मुकाबले में फिलीपीन्स के कार्लो पालाम को शुक्रवार को 3-2 से हराकर 18वें एशियाई खेलों की पुरुष लाइट फ्लाईवेट (49 किग्रा) स्पर्धा के स्वर्ण पदक मुकाबले में प्रवेश कर लिया। अमित ने यह मुकाबला जजों के 3-2 के फैसले से जीता। तीन जजों ने अमित के पक्ष में 29-28, 30-27, 29-28 से निर्णय दिया जबकि कार्लो के पक्ष में दो जजों ने 29-28, 29-28 से निर्णय दिए।
फाइनल में जाने वाले इकलौते बॉक्सर-
सेमीफाइनल में अमित को मिली यह जीत इस मायने से अहम हो जाती है कि भारत ने इन खेलों में 10 मुक्केबाजों को उतारा था जिनमें से सिर्फ अमित ही फाइनल में पहुंच पाए हैं। अमित का स्वर्ण पदक के लिए उज्बेकिस्तान के हसनबाय दुस्मातोव से मुकाबला होगा।
सेना में सूबेदार है अमित-
अमित के बारे में बता दें कि अमित भारतीय सेना में नायब सूबेदार के पद पर कार्यरत है। अमित का जन्म रोहतक में हुआ था। वे साल 2008 में मुक्केबाजी कर रहे है। उन्होंने इस साल गोल्डकोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक हासिल किया था जबकि इसी साल बुल्गारिया के सोफिया में हुए स्ट्रैंडजा मैमोरियल टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता था।
पिछले एशियाई खेलों में मिले थे पांच पदक-
भारतीय सेना ने 2017 में अमित को महार रेजीमेंट में नियुक्त किया था। अमित के फाइनल में पहुंचने से भारत की मुक्केबाजी में स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीद बंध गयी है। भारत ने पिछले एशियाई खेलों में मुक्केबाजी में एक स्वर्ण और चार कांस्य सहित पांच पदक जीते थे।
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