नई दिल्ली। भारतीय महिला हॉकी टीम को यहां 18वें एशियाई खेलों के फाइनल में शुक्रवार को जापान के हाथों 1-2 से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। जापान के लिए शिहोरी ओइकावा ने 11वें और मोतोमी कावामुरा ने 44वें मिनट में गोल किए। वहीं भारतीय टीम के लिए नेहाल गोयल ने 25वें मिनट में एकमात्र गोल किया। इस हार के साथ ही भारतीय महिला टीम एशियाई खेलों में 36 साल बाद दूसरा स्वर्ण पदक जीतने से चूक गईं। भारत ने 1982 में नई दिल्ली में हुए नौवें एशियाई खेलों में पहली बार स्वर्ण पदक जीता था।
टोक्यो का टिकट भी गंवाया-
स्वर्ण से चूकने के कारण भारतीय महिला टीम को टोक्यो ओलम्पिक-2020 का टिकट भी गंवाना पड़ा। टोक्यो ओलम्पिक खेलने के लिए भारतीय टीम को अब क्वालिफाइंग मैच खेलने होंगे। भारत को मुकाबले के 10वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर मिला जिसपर उसके खिलाड़ी गोल करने से चूक गए। वहीं जापान ने 11वें मिनट में मिले पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर मैच में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली।
दूसरे हाफ में हुई बराबरी-
पहले क्वार्टर में 0-1 से पिछड़ने के बाद भारतीय महिलाओं ने दूसरे क्वार्टर में अच्छी वापसी की और गेंद को अपने नियंत्रण में रखा। भारतीय टीम को इसका फायदा उस समय मिला जब नेहा ने 25वें मिनट में नवनीत के रिवर्स शॉट पर गेंद को नेट के अंदर डिफ्लेक्शन कर भारत को 1-1 की अहम बराबरी दिला दी। हाफ टाइम के बाद मैच 1-1 से बराबरी रहने के बाद भारतीय टीम तीसरे क्वार्टर में एक अलग रणनीति के साथ उतरी।
अंतिम क्वार्टर के खेल का हाल-
जापान को 44 मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर मिला जिस पर मोतोमी कावामुरा ने गोल कर अपनी टीम को 2-1 की महत्वपूर्ण बढ़त दिला दी। मैच में 1-2 से पिछड़ने के बाद भारतीय टीम के लिए चौथा क्वार्टर करो या मरो वाला हो गया। चौथे क्वार्टर के आखिरी मिनट में गोल करने का शानदार मौका था। लेकिन वंदना यह मौका चूक गई और भारतीय टीम बराबरी हासिल नहीं कर पाई तथा और उसे 1-2 से हार के कारण स्वर्ण के साथ-साथ टोक्यो ओलम्पिक-2020 का टिकट भी गंवाना पड़ा।
फिर भी इतिहास तो रच दिया-
इस एशियाड में भारत ने नया इतिहास रच दिया है। एशियन गेम्स के पिछले 17 आयोजनों में भारत ने सर्वाधिक पदक 2010 एशियाड में हासिल किया था। तब भारत के खाते में 14 गोल्ड, 17 रजत और 34 कांस्य सहित कुल 64 पदक थे। पदकों की कुल संख्या के लिहाज से बात करें तो भारत ने अपने पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। इस बार एशियाई खेलों में भारत को अबतक कुल 65 पदक मिल चुके है। मतलब कि भारत अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को पीछे छोड़ चुका है।
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