Saturday, September 29, 2018

B'DAY SPECIAL: ओलम्पिक खेलों में भारत को पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक दिलाने वाले एथलीट

नई दिल्ली। ओलम्पिक खेलों में देश को पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक दिलाने वाले शूटर अभिनव बिंद्रा का आज 36 साल के हो गए हैं। 2008 बीजिंग ओलम्पिक में व्यग्तिगत स्वर्ण पदक जीत वह ऐसा करने वाले भारत के पहले खिलाड़ी बने थे। अभिनव के कॉमनवेल्थ खेलों में लगातार शानदार प्रदर्शन करने की उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने अपने करियर के शीर्ष पर संन्यास लेकर सभी को चौंका दिया था।


कम उम्र में हासिल की बड़ी उपलब्धियां-
28 सितंबर 1982 को उत्तराखंड में जन्मे अभिनव को बचपन से ही उनके शूटिंग के प्रति रुझान को देखते हुए उनके माता-पिता ने घर में ही शूटिंग रेंज बनवा दिया था, ताकि उन्हें प्रैक्टिस करने में परेशानी न हो। अभिनव ने 15 साल की उम्र से ही निशानेबाजी करनी शुरू कर दी थी। इसी कारण वह कजम उम्र में ही बड़ी उपलब्धियां हासिल करने लगे थे। 1998 के मलेशिया कॉमनवेल्थ खेलों में वह भारतीय दल के सबसे युवा खिलाड़ी थे। इसके बाद वह 2000 सिडनी ओलम्पिक में भी सबसे कम उम्र के भारतीय थे। बिंद्रा को उसी वर्ष अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके बाद उन्होंने 2001 में हुए म्यूनिख वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन कर कांस्य पदक पर कब्ज़ा जमाया था। इसी साल उन्हें राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।


लगातार 4 CWG स्वर्ण के बाद ओलम्पिक में जीता गोल्ड-
2002 से 2014 के बीच हुए बाहर कॉमनवेल्थ गेम्स में अभिनव बिंद्रा ने स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 2002, 2006, 2010 और 2014 में स्वर्ण पदक पर कब्ज़ा जमाया। 2004 एथेंस ओलम्पिक में वह रिकॉर्ड बनाकर भी पदक जीतने से चूक गए। इसके बाद 2008 बीजिंग ओलम्पिक में उन्होंने केवल 26 साल की उम्र में 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग में स्वर्ण पदक जीत इतिहास रचा था। इसके बाद साल 2009 में वो पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्मानित किए गए। 2012 लंदन ओलम्पिक में वह क्वालीफाई करने से चूक गए। इसके बाद वह रियो ओलम्पिक में पदक जीतने से कुछ अंकों से चूक गए। इसके बाद उन्होंने संन्यास की घोषणा कर दी।



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