नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एमेच्योर कबड्डी महासंघ (एकेएफआई) और इसकी पूर्व अध्यक्ष मृदुल भदोरिया द्वारा दायर की गई याचिकाओं को खारिज कर दिया है। एकेएफआई और मृदुल ने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।आपको बता दें दिल्ली उच्च न्यायालय ने नए सिरे से एकेएफआई चुनाव कराने के आदेश दिए और तब तक इसका कामकाज देखने के लिए पूर्व आईएएस अधिकारी सनत कौल को प्रशासक नियुक्त किया था।
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उच्च न्यायालय ने एकेएफआई के चुनावों को अवैध करार दिया
उल्लेखनीय है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 3 अगस्त को एकेएफआई के चुनावों को अवैध करार दिया था और इसके साथ ही एकेएफआई के आजीवन अध्यक्ष जनार्दन सिंह गहलोत और एकेएफआई की अध्यक्ष मृदुल भदोरिया को उनके पदों से तत्काल प्रभाव से हटा दिया था। इसके साथ ही दिल्ली उच्च न्यायालय ने नए सिरे से एकेएफआई चुनाव कराने के आदेश दिए और तब तक इसका कामकाज देखने के लिए पूर्व आईएएस अधिकारी सनत कौल को प्रशासक नियुक्त किया है।
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गहलोत व उनकी पत्नी की पदों पर रहने की अवधि समाप्त
न्यायालय की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की एक खंडपीठ एकेएफआई के आजीवन अध्यक्ष जनार्दन सिंह गहलोत और एकेएफआई की अध्यक्ष मृदुल भदोरिया के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया था।सर्वोच्च न्यायालय ने माना है कि गहलोत का परिवार अपने पदों को बनाए रखना चाहता है, जिसके कारण इन पदों का दुरुपयोग हो रहा है और ऐसे में न्यायालय ने गहलोत व उनकी पत्नी की इन पदों पर रहने की अवधि को समाप्त कर दिया है।
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