Monday, June 25, 2018

1983: आज के ही दिन भारत बना था वर्ल्ड चैंपियन, फाइनल मैच में इस भारतीय खिलाड़ी ने पलट दिया था पासा

नई दिल्ली। आज के ही दिन 1983 में लॉर्ड्स के मैदान पर भारत ने दो बार के विश्व कप विजेता वेस्ट इंडीज टीम को हराकर विश्व कप ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था। इस विश्व कप में भारत के कप्तान कपिल देव ने शानदार प्रदर्शन किया था जिस कारण भारत फाइनल में पहुंच सका था लेकिन फाइनल में कपिल देव फीके रहे थे और इस खिलाड़ी ने बल्ले से अच्छा प्रदर्शन करने के बाद गेंद से भी शानदार प्रदर्शन किया था। इस खिलाड़ी के प्रदर्शन के बारे में आज के दौर के लोग नहीं जानते होंगे। हम आज आपको उसी हीरो का परिचय देंगे और भारत के क्रिकेट में सुनहरे सफर के पहले मील के पत्थर 1983 विश्व कप की जीत की गाथा भी सुनाएंगे।


टूर्नामेंट में कपिल देव का रहा था जलवा
भारत के लिए रन बनाने की बात हो या विकेट लेने की, दोनों ही छेत्र में कपिल देव ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था। नंबर 6-7 पर बल्लेबाजी करने वाले कपिल ने इस टूर्नामेंट में भारत के लिए सबसे अधिक 303 रन बनाए थे। इस टूर्नामेंट में कपिल देव ने 8 मैचों में 60 की औसत और 108 के स्ट्राइक रेट से एक शतक के साथ 303 रन बनाए थे। गेंदबाजी में भी कपिल का प्रदर्शन शानदार था, उन्होंने 8 मैचों में 20 की औसत और 2.91 की इकॉनमी से 12 विकेट झटके थे। इस टूर्नामेंट में भारत के लिए सबसे अधिक विकेट रॉजर बिन्नी(18) ने लिए थे।


फाइनल मुकाबले का किस्सा
वेस्ट इंडीज की टीम दो वर्ल्ड कप जीत कर फाइनल में आई थी, वहीं भारतीय टीम को उस समय एक मामूली टीम आका जाता था। तब एकदिवसिए मैच 60 ओवरों का हुआ करता था, भारत टॉस हार गया था और वेस्ट इंडीज ने उसे पहले बॉलीबाजी के लिए आमंत्रित किया था। भारतीय टीम की ओर से के. श्रीकांत ने सर्वाधिक 38 रन बनाए थे, भारत 60 ओवरों में केवल 183 रन ही बना पाया था। सर एंडी रॉबर्ट्स, माइकल होल्डिंग और मैलकम मार्शल जैसे दिग्गज गेंदबाजों के सामने भारतीय टीम सस्ते में निपट गई थी। वेस्ट इंडीज की ओर से सर विव रिचर्ड्स ने सर्वाधिक 33 रनों की पारी खेली थी और पूरी वेस्ट इंडीज टीम 140 रन ही बनाने में कामयाब हो पाई थी। भारत छोटा स्कोर करने के बावजूद यह मैच 43 रनों से उम्दा गेंदबाजी के कारण जीत गया था। भारत की ओर से इस गेंदबाज ने बहुत ही उम्दा प्रदर्शन किया जिसके लिए उनको मैन ऑफ द मैच अवार्ड से नवाजा गया था।


यह रहे थे मैन ऑफ द मैच
फाइनल मुकाबले में मोहिंदर अमरनाथ के शानदार प्रदर्शन से भारत यह टूर्नामेंट जीत पाया था। मोहिंदर ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 26 रनों का महत्वपूर्ण योगदान दिया इसके बाद उन्होंने गेंद से 7 ओवरों में मात्र 12 रन खर्च कर 3 विकेट झटके थे। अमरनाथ ने अच्छी साझेदारी कर चुके जेफ डुजोन और मैलकम मार्शल को अपना शिकार बनाया और तीसरा शिकार माइकल होल्डिंग को बनाया। भारत यह मैच जीत गया और अमरनाथ को मैन ऑफ द मैच चुना गया। अमरनाथ ने इस टूर्नामेंट में 8 मैचों में 237 रन बनाए थे और 8 विकेट झटके थे। रॉजर बिन्नी, मदन लाल और कपिल देव के साथ लाला अमरनाथ इस वर्ल्ड कप में भारतीय हीरो थे।



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