
मोदी सरकार ने ब्यूरोक्रेसी में सीधे एंट्री देने के लिए एक बड़ा बदलाव किया है जिसके तहत बिना यूपीएससी की परीक्षा पास किए हुए भी शासन का हिस्सा बना जा सकता है। इस बदलाव के तहत अब निजी और पीएसयू कंपनियों में काम करने वाले प्रोफेशनल्स भी ज्वाइंट सेक्रेटरी के लेवल पर काम कर पाएंगे। लेकिन सरकार के इस फैसले के बाद से ही ब्यूरोक्रेसी में खलबली मची हुई है। इस संबंध में DainikBhaskar.com ने यूपीएससी से पासआउट कैंडिडेट्स को ट्रेंड करने वाली लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन के पूर्व डायरेक्टर परमवीर सिंह, मप्र के पूर्व मुख्य सचिव केएस शर्मा, रिटायर्ड डीजीपी सुभाषचंद्र त्रिपाठी और रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी अरुण गुर्टू से बात कर इस फैसले के नुकसान और फायदों के बारे में जाना।
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