Tuesday, June 5, 2018

IPL चैंपियन बनने के बाद देवड़ी माता मंदिर पहुंचे धोनी, जानें इस मंदिर की ऐतिहासिक कथा

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी जब भी अपने घर रांची पहुंचते हैं तो देवड़ी माता मंदिर में अवश्य ही जाते है। इस मंदिर में धोनी के पूजा करने की खबरें पहले भी कई बार मीडिया में आ चुकी है। अभी हाल ही में जब महेंद्र सिंह धोनी इंडियन प्रीमियर लीग का तीसरा खिताब जीत कर रांची वापस आए, तो वे देवड़ी माता मंदिर में मत्था टेकने पहुंचे। धोनी बीते रविवार को रांची के तमाड़ स्थित देवड़ी मंदिर में दर्शन करने पहुंचे। मंदिर में धोनी के साथ-साथ उनके दोस्त भी थे।

देवड़ी माता पर धोनी को हैं अटूट श्रद्धा-
अक्सर ही देवड़ी माता मंदिर में धोनी के पहुंचने की ये बात साफ जाहिर करती है कि माही की देवड़ी माता के प्रति कितनी अटूट श्रद्धा है। इस स्टोरी में जाने देवड़ी माता मंदिर की ऐतिहासिक कहानी के बारे में।

ऐसे हुई थी इस मंदिर की स्थापना -
रांची स्थित देवड़ी माता मंदिर रांची टाटा रोड पर तमाड़ से तीन किलोमीटर दूर स्थित है। इस मंदिर में एक 16 भुजी मूर्ति है, जो सोलहभुजी देवी के नाम से प्रख्यात है। इस मंदिर के निर्माण के सम्बन्ध में स्थानीय लोगों के दंतकथा के अनुसार केरा (सिंहभूम) का एक मुंडा राजा, जब अपने दुश्मन से पराजित हो गया, तब उसने वापस लौटते समय देवड़ी में जाकर शरण ली थी। राजा ने यहां माँ दशभुजी का आह्वान कर उसकी मूर्ति स्थापना की थी। आह्वान के बाद उक्त मुंडा राजा ने अपने दुश्मन को पराजित कर अपना राज्य वापस ले लिया था। जिसके बाद से इस मंदिर की ख्याति और बढ़ती गई।

सम्राट अशोक भी आते थें दर्शन करने -
स्थापत्य शिल्प के लिहाज से भी यह मंदिर काफी विशिष्ट है। इस मंदिर में पत्थरों को काट कर एक दूसरे के ऊपर बिना जोड़े हुए रखा गया है। मंदिर के संबंध में एक मान्यता यह भी है कि सम्राट अशोक इस देवी के दर्शन के लिए आते थे। काला पहाड़ ने इस मंदिर को ध्वस्त करने की चेष्टा की थी, किन्तु उसे सफलता नहीं मिली थी। 1831-1832 के कोल आंदोलन के समय उद्दंड अंग्रेज अधिकारियों ने इस मंदिर पर गोलियां चलाई थीं, जिसके चिन्ह स्पष्ट हैं। आज के समय में धोनी के कारण यह मंदिर फिर से सुर्खियों में है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2JsQl3P
via

0 comments:

Post a Comment