
नई दिल्ली। प्रो कबड्डी लीग के छठे सीजन की नीलामी में जो भारतीय खिलाड़ी पहला करोड़पति बना है उसका नाम दीपक हुड्डा है। कबड्डी लीग के इस सीजन में दीपक के साथ 6 खिलाड़ी 1 करोड़ का आकड़ा पार करने में कामयाब रहे हैं। वहीं मोनू गोयट 1.5 करोड़ का आकड़ा पार करने में कामयाब रहे। विदेशी खिलाड़ियों में फजल अत्राचली सबसे महंगे बिकने वाली खिलाड़ी रहे। दीपक को जयपुर पिंक पैंथर्स ने 1.15 करोड़ में खरीदा है। कठिन परिस्थितियों में पले-बढ़े दीपक के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है।
बचपन में ही छूटा मां का साथ
प्रो कबड्डी के पहले करोड़पति दीपक हरियाणा के किशन परिवार में 10 जून 1994 में जन्मे हैं। दीपक के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। गरीबी के साथ ही मां ने भी उनका साथ महज 4 साल की उम्र में छोड़ दिया था। पिता राम निवास ने बेटे को अकेले पला। 12वीं में पढ़ रहे दीपक के साथ किस्मत ने एक और बार दगा किया और उनके सिर से पिता का साया भी छिन गया। घर में सबसे बड़े होने के नाते दीपक को पढाई छोड़ कर कमाई शुरू करनी पड़ी। बचपन से कबड्डी के शौकीन दीपक ने 15 साल की उम्र से गांव में कबड्डी खेलने की शुरुआत की।
कबड्डी बनी जिंदगी का सहारा
कबड्डी ने दीपक की जिंदगी बदल कर रख दी। अपने अनोखे टैलेंट के दम पर दीपक ने कम उम्र में ही बड़े-बड़े खिलाड़ियों को धूल चटा दी। छोटे स्तर पर खेल कर कुछ पैसे कमाकर दीपक ने ग्रेजुएशन में एडमिशन लिया। उन्होंने ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी के लिए खेलते हुए 2014 में सीनियर लेवल टूर्नामेंट में उनकी टीम ने गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद उनको भारतीय टीम में जगह मिली। भारतीय टीम के लिए 2016 एशियाई खेलों में उन्होंने टीम को गोल्ड मेडल दिलाया।
कबड्डी लीग से चमकी किस्मत
2014 में प्रो कबड्डी की शुरुआत ने उनके लिए नए दरवाजे खोले। इस सीजन में उनको तेलुगू टाइटंस ने 12.6 लाख रुपए में खरीदा। अगले सीजन में भी वह तेलुगू टाइटंस से खेले। उसके बाद के तीन सीजन वह पुणेरी पलटन से खेलते हुए नजर आए। पांचवें सीजन में टीम की कप्तानी करते हुए उन्होंने टीम को प्लेऑफ तक पहुंचाया। उनकी कड़ी मेहनत जाया नहीं गई। उनके बेहतरीन आल राउंड प्रदर्शन को 2018 की प्रो कबड्डी नीलामी में सराहना मिली। उनको जयपुर की टीम ने एक करोड़ से ऊपर राशि में अपनी टीम के साथ जोड़ा।
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